Sting Operation ETV News (MUST WATCH)
Sant ShreeAsharamji Bapu के समर्थकों की भीड़ आज भी कम नहीं है। उनके लिए Sant shree Asharamji bapu आज भी उतने ही पवित्र हैं जितने वो पहले थे। इस मामले में सोमवार को Sant Shree Asharamji Bapu को कोर्ट ले जाया गया तो वहां समर्थकों का जमावड़ा लग गया। Sant shree Asharamji bapu को देखकर किसी के आंसू निकले तो किसी ने उस जमीन को चूम लिया जहां से Bapuji गुजरे। लेकिन उनके समर्थकों का जोश उनके प्रति कम नहीं हुआ है। इस बात का प्रमाण पहले भी देखा गया है। जोधपुर में ही इससे पहले भी sant shree आसारामji bapu के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के वक्त आंसू बहाए थे। अब जहां से भी Sant shree Asharamji bapuगुजरते हैं उनके समर्थक वहीं पहुंचकर उस जमीन को चूम लेते हैं। दूर से ही सही लेकिन उनका आशीर्वाद मिलने के इंतजार में घंटों समर्थक खड़े रहते हैं। गुरुवार को भी यही देखने को मिला था अब सोमवार को फिर वही नजारा दिखा। चाहे महिलाएं हों या बच्चे या फिर जवान हर किसी ने सिर झुकाकर Sant shree Asharamji bapu के प्रति अपना प्रेम-भाव जाहिर किया। आगे की तस्वीरें ये बयां करने को काफी हैं कि Sant shree Asharamji bapu के समर्थकों में उनके प्रति आज भी कितना प्रेमभाव है…
#Bail4Bapuji अगर कोर्ट में आरोपी निर्दोष पाया जाता है तो सम्बंधित पुलिस अधिकारी को दंडित किया जाए
सुप्रीम कोर्ट
#BailOn7thJan NO 1 tweeter trend zee news
वर्ल्डवाइड ट्विट्टर पर आसाराम बापू ट्रेंड. समर्थकों की माँग “बेल फॉर बापूजी #bapuji #bailon7thjan
सड़कों में आसाराम बापू की रिहाई की गूँज अब ट्विट्टर पर भी छा गई है. ट्विट्टर पर इस समय “आसाराम बापू को बेल मिले” इसकी माँग ने जोर पकड़ लिया है.
ट्विट्टर पर इस समय कुछ लोगों की माँग को दर्शाता #bailon7thjan नाम का यह हैशटैग टॉप ३ में चल रहा है. यही नहीं पूरी दुनिया भर की ट्रेंड में भी आसाराम बापू का नाम आ गया है. किसी भारतीय का नाम ट्विटर पर वर्ल्डवाइड ट्रेंड में आना दुर्लभ माना जाता है. इससे “Bapuji” शब्द पुरे विश्व के नज़रो में आ गया है.आपको बता दें कि पिछले महीने भी कुछ आसाराम बापू समर्थकों का #whysobiased और Bapuji नाम के हैशटैग देशभर में चर्चा में आया था. #bailon7thjan ट्रेंड ट्विट्टर पर पिछले ३६ घंटो से चल रहा है.
लोगों का कहना है आज तक भारत के सारे हिंदू संतों पर कई तरह के अत्याचार किये गए लेकिन हर बार अदालत ने सभी संतो पर किये आरोपों को ख़ारिज कर दिया.
लोगों ने ट्वीट में कहा है कि इसके पहले भी शंकाराचार्य, बाबा रामदेव, नित्यानंद , केशवानंद , प्रज्ञा ठाकुर आदि कई संतो पर झूठे आरोप लगे लेकिन अदालत में वे निर्दोष साबित हुए.
ट्विटर पर समर्थकों का कहना है कि ”जिसने हमारी और हमारें जैसे लाखों लोगों की जिंदगी उन्नत कर दी ऐसे बापूजी को सताया ना जाये”
देखिये कुछ और ट्विटस् :
shikha mongia @hariom4455:“जो स्वयं धर्म,दृढ़ता,संयम व बलिदान के प्रतीक हैँ वो #Bapuji क्या 1 लड़की का शोषण करेंगे ? असम्भव !!! #BailOn7thJan 2 Him
@Divya Hari Om : Bapuji has worked immensely in empowering women, why is he being victimized? He deserves #BailOn7thJan pic.twitter.com/SDIgr1Tvhj
om @omkar1018:“सबका मंगल सबका भला”# Bapuji यह सूत्र दे रहे, फिर भी विधर्मी हाथ धोकर उनके पीछे पड़े! साधक करे अब 1 ही मांग #bailon7thjan @RoneMbazo
@ashramgoregaon :Convicted criminals roaming free & allegated saint lies jail for more than 120 days. Such a shame. we need #BailOn7thJan 2 #asaram Bapuji
Ashish Gaba @ashishgaba :Absence of saints like Bapuji frm society is a big loss of moral,cultural & religious value of country,So one voice on twitter #BailOn7thJan
@PRAVINTRIPATHI:Ideal for lakhs of youths , lakhs of children … bapu should be freed #BailOn7thJan
Swamy Sena @swamy_sena:The efforts of devotees of @ashramindia bearing fruits .. Now Media compelled to listen to our demand #BailOn7thJan
कानून के रखवाले ही कानून का मजाक क्यों बना रहेहैं ?
अहमदाबाद, 21 नवम्बर। कानून की रखवाली कही जानेवाली पुलिस नेबिना कोई सर्च वॉरेन्ट
दिखाये ही अहमदाबाद आश्रम में छानबीन करके खुद कानून का उल्लंघन किया है। सुबह 6.15 बजे
सूरत पुलिस की 8-10 गाड़ियाँ आश्रम में आयीं और आते ही पुलिस ने टेलिफोन कार्यालय से सबको
बाहर निकाल दिया तथा शाम 5 बजे तक पुलिस का पहरा उस कार्यालय पर रहा। पूरे आश्रम-परिसर में
पुलिसवाले तैनात कर दिये गये। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम में प्रवेश करने तथा आश्रम
के साधकों को बाहर जाने से रोक दिया गया। पुलिस अपने साथ असामाजिक तथा अपराधी प्रवृत्ति के
अमृत प्रजापति व महेन्द्र चावला भी लेकर आयी थी, जिन्होंने चेहरे पर कपड़ा बाँधा हुआ था।
डीसीपी शोभा भूतड़ा के साथ पुलिस की एक टीम अमृत प्रजापति व महेन्द्र चावला को लेकर
आश्रम के सभी कमरों की तलाशी लेने लगी। जिन कमरों में ताले लगे थे और चाबी नहीं थी या लाने में देर
हुई तो ग्रांइडर (कटर) से उन दरवाजों के तालों को तोड़ा गया। कमरों में जाँच के दौरान पुलिस ने आश्रम
के सेवकों को नहीं जाने दिया। वहाँ से क्या सामान लिया, कौन-से कागजात उठाये यह किसी को नहीं
बताया गया। ऐसे में पुलिस तो कुछ भी सामान रखकर सबूत बना सकती है ! एफएसएल की टीम दिन भर
एकाउंट रूम में बैठी रही, कौन से पेपर लिये, क्या डाटा लिया, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गयी।
धार्मिक आस्था के स्थान जैसे मोक्ष कुटीर शांति कुटिया तथा व्यास भवन आदि जहाँ पर
भक्त लोग बड़े श्रद्धाभाव से आकर ध्यान भजन करते हैं, माथा टेकते हैं वहाँ पुलिस अमर्याद ढंग से
जूते पहन के घुसी, जिससे भक्तों की भावनाओं को गहरी चोट पहुँची। सत्संग मंडप में सुबह की संध्या
कर रहे लोगों को पूछताछ के नाम पर वहीं पर बिठा के रखा। सुबह 5 बजे से संध्या में बैठे लोगों को दोपहर
तक उठने नहीं दिया गया। साधकों को पेशाब के लिए भी नहीं जाने दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्री बी. एम. गुप्ता को जब आश्रम बुलाया गया तो वे तुरन्त आश्रम पहुँचे
और वहाँ पुलिस की कार्यवाही के बारे में साधकों ने उनसे बात की। पुलिस की इस गैर कानूनी कार्यवाही
पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कीः “नियम कहता है कि रेड भी
डालनी हो तो पहले मेजिस्ट्रेट या किसी ऑफिसर का सर्च वारंट होना चाहिए पर ये लोग सर्च वारेंट
लिये बगैर आ गये। पुलिस जो भी यहाँ से माल बरामद करेगी उसकी सूची बनानी पड़ेगी, उसकी कॉपी
आश्रम को देनी पड़ेगी और बरामद किये गये माल की सूची न्यायालय में पेश करनी पड़ती है और वहाँ
से कानून का ऑर्डर लेकर फिर ये उन वस्तुओं को ले जा सकते हैं। बाकी यह सब जो चल रहा है, वह
हकीकत में गैर कानूनी है।”
इसके बाद तो पुलिस में खलबली मच गयी। दोपहर में पुलिस की कई गाड़ियाँ आश्रम से बाहर
गयीं और आयीं। फिर शाम को 7.15 बजे पुलिस द्वारा आश्रम व्यवस्थापक को एक प्रस्ताव दिया
गया, जिसमें लिखा था कि ‘हमें अहमदाबाद आश्रम में नारायण साँईं तथा अन्य दो लोगों के छिपे होने
की आशंका हैइसलिए सर्च करना चाहतेहैं।’ व्यवस्थापक द्वारा प्रस्ताव पर समय व दिनांक केसाथ
हस्ताक्षर कियेगये। समय डालनेपर पुलिस नेनाराजगी जतायी क्योंकि इससेउनकी गैर-कानूनी जाँच
न्यायालय के सामने आ जायेगी। रात्रि 8-15 बजे पूरे 14 घंटे बाद पुलिस वापस गयी।
पुलिस 13 घंटे बाद आश्रम में आने का कारण बताती है। किसी भी धार्मिक संस्था में घुसकर
कारण बताये बिना ही 11 घंटे तक टेलिफोन कार्यालय बंद कर दिया जाता है। दर्शन के लिए आश्रम में
आने वाले भक्तों को 12 बजे तक आश्रम में प्रवेश नहीं दिया जाता है। क्या यह पुलिस ने नया कानून
बनाया है ?
अमृत प्रजापति और महेन्द्र चावला, जिनका आश्रम के खिलाफ षड्यन्त्र रचने का
आपराधिक रिकॉर्ड है और पिछले 3 महीनों से जो लगातार मीडिया में आकर आश्रम व बापू जी पर झूठे,
मनगढ़ंत और घृणित आरोप लगा रहे हैं, उनको लेकर सूरत पुलिस ने आश्रम की तलाशी क्यों ली ? उन
लोगों को यदि कानून के तहत लाया गया था तो फिर चेहरे पर कपड़ा क्यों बाँधे हुए थे ? तलाशी के दौरान
सरकारी कैमरे द्वारा ली गयी विडियो क्लिप मीडिया को कैसे मिली ? इतना ही नहीं, पुलिस ने मौन मंदिर
(पिरामिड के आकार का एक कमरा जो ध्यान भजन के लिए विशेष लाभदायी होता है) को गुप्त तहखाना
बताया। जबकि वास्तविकता तो यह है कि आश्रम में ऐसा कोई तहखाना नहीं है। इस विषय में पहले ही
सीआईडी द्वारा कई बार आश्रम की छानबीन करने के बाद आश्रम को क्लीन चिट दी गयी है। पुलिस ने
देश की जनता को गुमराह क्यों किया ? इसमें गहरे षड्यंत्र की बू आ रही है।
विश्व-मांगल्य में रत पूज्य संतों के खिलाफ षड्यंत्र तथा उनके आश्रमों पर हो रहे अत्याचार
आखिर कब समाप्त होंगे ? यह एक चर्चित सवाल है।
स्रोतः ऋषि प्रसाद, दिसम्बर 2013, पृष्ठ संख्या 27-28, अंक 252
#Bailon7thJan #SupportAsaramBapu #JusticeDenied #paidmedia #Sant #WhySoBiased #Asharamji
#iSupportAsaramBapu, ?#?Sant? ?#?Asharamji, #Satsang?, #Asaram, #Bapu, #Ashram, #bapuji,
twitter sewa…………..
You must be logged in to post a comment.